दोस्तों, हम सब कभी न कभी ऐसे दौर से गुजरते हैं जहाँ हमें सब कुछ हाथ से जाता हुआ दिखाई देता है, और ऐसा लगने लगता है मनो अब हम कुछ कर नहीं सकते। हम निराश और परेशान हो कर बैठ जाते हैं। लेकिन हक़ीक़त ये है की निराश होकर बैठ जाने से किसी भी समस्या का समाधान कभी नहीं निकलता। जीवन में सफल होने का एक ही तरीका है, और वो है काम करना। जब आप निरंतर प्रयास करते रहते हैं, जीवन पथ पर आगे बढ़ते रहते हैं, और छोटी-मोटी विफलताओं से विचलित हुए बिना अपना कार्य पूरी लगन और निष्ठा के साथ करते जाते हैं, तो आपको सफलता अवस्य मिलती है। और ऐसे वक़्त में motivational quotes और poems से आपको बहुत प्रेरणा मिल सकती है। अगर आप किसी भी विफलता से निराश हैं तो आज की ये मोटिवेशनल कविता (motivational poem in Hindi) आपको काफी प्रेरित करेगी।
आज के इस मोटिवेशनल हिंदी कविता (motivational poem in Hindi) को आप गौर से पढ़िए, और कई बार पढ़िए, और मुझे पूरा विस्वास है की, अगर आप इस प्रेरणादायक कविता को ठीक से पढ़ेंगे तो ये कविता आपको प्रेरित करेगी, और आपको हर तरह की निराशा और असफ़लता से बहार निकलने को प्रेरित करेगी। आप सफलता पाने के लिए और भी जोर सोर से प्रयत्न करेंगे, और एक वक़्त आएगा जब आपको लगेगा की जीवन में सफलता और विफलता दोनों से ही आप कुछ न कुछ जरूर सीख सकते हैं। और यही सीख आपको अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। यह मोटिवेशनल कविता आपको हर तरह के निराशा से बहार निकलने में मदद करेगी।
क्यों है निराश ?
क्यों है निराश मत छोड़ आश, तू धैर्य यूँ ही क्यों खोता है
कर तू प्रयास निश्चय के साथ, यूँ किस्मत पर क्यों रोता है
तू है अनंत तू है स्वतंत्र, किस भय ने तुझको रोका है
ये तो तुमने सुना ही होगा, करने से ही होता है
कर दृढ़ निश्चय तू निकल आज, मेहनत ही सफलता का है राज
तू उठा कदम तू बढ़ा कदम, बस आगे बढ़ एक-एक कदम
यह मौका है कुछ करने का, किस बात ने तुझको रोका है
ये तो तुमने सुना ही होगा, करने से ही होता है
कुछ ना करने से बेहतर है, कुछ काम नए हर रोज़ करो
सीखो कुछ-कुछ हर अनुभव से, इसमें जीवन की खोज करो
गिरकर उठना उठकर चलना, लक्ष्य साध्य तब होता है
ये तो तुमने सुना ही होगा, करने से ही होता है
काम किए बिन कुछ नहीं मिलता, ना ही सफ़लता ना विफ़लता
गले लगाओ हर अनुभव को, मिले सफलता चाहे विफलता
कर्म करे जो दृढ़ निश्चय से, सदा सफ़ल वही होता है
ये तो पक्की बात है प्यारे, करने से ही होता है
सारांश
दोस्तों इस कविता को श्री प्रदीप चौधरी जी ने लिखा है। और उन्होंने इस कविता के माध्यम कर्म को प्रधान बताया है , जोकि हम सब जानते हैं की कर्म करने से ही सफलता मिलती है। सिर्फ ज्ञान या सफल होने की इच्छा काफी नहीं है, जरुरी ये है हम कर्म करें, और पूरी सिद्दत से और ईमानदारी से अपने कार्य को करें। और कार्य करते हुए चाहे सफलता मिले या विफलता, हमें दोनों ही को गले लगाना चाहिए। जब हम ऐसा करते हैं तो हमें निराशा नहीं होती , बल्कि हम और भी म्हणत से प्रयाश करते हैं ताकि अगली बार और बरी सफलता हासिल कर सकें।
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