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How to Develop Positive Thinking Easily – सकारात्मक सोच कैसे बनाएं

सकारात्मक सोच आपके जिंदगी में ख़ुशी लाती है। जब आपकी सोच सकारात्मक होती है – तो आपके जीवन में, आपके आस  आपको सब कुछ अच्छा लगता है। सकारात्मक सोच के अपने फायदे हैं, और शायद हम में से ज्यादातर लोग इस बात को पहले से जानते हैं।  लेकिन ताज्जुब की बात ये है की, ये जानते हुए भी सकारात्मक सोच  है, चाहे अनचाहे हम में से बहुत से लोग अपने अंदर सकारात्मक सोच नहीं ला पाते? ऐसा क्यों होता है? क्या सकात्मक्ता इतनी कठिन है ? अगर आप भी जानना चाहते हैं की सकारात्मक सोच कैसे बनाएं? सकारात्मकता को अपने अंदर कैसे लाएं ? How to develop positive thinking and positive attitude in life? ऐसा क्या करें जिस से आपका दिमाग नकारात्मकता से बचा रहे, और सकारात्मकता को अपनाए, तो इस लेख को अंत तक पढ़िए। क्योंकि आज हम बात करने वाले हैं की अपने मन में सकारात्मक सोच कैसे लाएं, और साथ ही आपको बताएंगे ऐसे दो अनोखे तरीके और उपाय जिस से आप नकारात्मक सोचने से पीछा छुरा पाएंगे और सकारात्मकता को अपना पाएँगे।

How to develop positive thinking in Hindi - सकारात्मक सोच कैसे बनाएं
Positive thinking is easy, once you know how to get rid of negativity

जहाँ एक तरफ सकारात्मक सोच और attitude के साथ अपना जीवन खुशहाल और लाजवाब बना सकते हैं, वाहनी नकारात्मकता ya negativity आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। दोस्तों, सकारात्मकता या positivity एक अद्भुत शक्ति है। और हम सब ये बात जानते भी हैं, लेकिन फिर भी हमारे दिमाग में नकारात्मकता अपनी जगह बना लेती है।

कभी कभी कुछ देर के लिए हम positive thinking को अपना लेते हैं, और फिर से नेगेटिव सोच (negative thinking and thoughts) वापस आ जाती है।अगर आपने भी ऐसा अनुभव किया हो, और आप अपने अंदर सकारात्मक सोच पैदा करना चाहते हैं तो आज हम आपको दो तरीके बताने वाले हैं, जिस से आप अपने सोच को पूरी तरह से सकारात्मक बना सकते हैं, और वो भी परमानेंटली।

और आज हम आपको बताएंगे की कैसे आप नकारात्मकता से बच सकते हैं, और अपने जीवन में positivity और सकारात्मकता को ला सकते हैं।

सकारात्मक सोच कैसे बनाएं – How to develop positive thinking?

दोस्तों, हम सब जानते हैं की हमारा कर्म (हम जो भी करते हैं), उसको हम पहले सोचते हैं, जैसे की –

  • चलने से पहले हमारा दिमाग चलने के बारे में सोचता है
  • बोलने से पहले हमारा दिमाग बोलने के बारे में सोचता है
  • लिखे से पहले हमारा दिमाग लिखने के बारे में सोचता है

यही कारण है की कभी कभी जब आप ज्यादा तेज़ी से लिखने की कोसिस करते हैं तो कुछ कुछ शब्द छूट जाते हैं।

जिस तेजी से आपके दिमाग ने सोचा, आप उस तेज़ी से लिख नहीं पाते, और बीच में कोई एक सब्द छूट जाता है।

कभी हुआ है आपके साथ ऐसा? सबके साथ होता है।

तो कहने का मतलब ये की – हम जो भी करते हैं उस के बारे में पहले सोचते हैं।

अब दूसरी बात।

क्या आप जानते हैं की हम वही सब सोचते हैं जिस तरह का हम काम करते हैं?

जैसा की, एक लड़ाकू गुंडा के दिमाग में हमेशा लड़ाई झगड़े वाली बात चलेगी।

एक प्रोफेशनल सिंगर के दिमाग में जो दिन भर गाना रिकॉर्ड करता है – उसके दिमाग में गीत संगीत की बात चलेगी।

एक भला इंसान जो हमेशा दूसरों की मदद करता है, उसके दिमाग में दूसरों को मदद करने की बात ही चलेगी, वो किसी का नुकशान करने के बारे में नहीं सोचेगा। 

कुल मिला के देखें तो हमारा कर्म और हमारी सोच, दोनों एक दुसरे के साथ ग़जब तरीके से जुड़े हुए हैं।

जब आप नेगेटिव सोचेंगे तो आप के काम नेगेटिव होंगे। जब आपके काम नेगेटिव होंगे, तो आप की सोच भी नेगेटिव होगी।

जब सब कुछ इतना घुला मिला है – तो आखिर एक नेगेटिव माइंड को पॉजिटिव माइंड में कैसे बदलें?

बहुत आसान है – आपको बस करना ये है की आप नेगेटिव सोच और नेगेटिव कर्म – दोनों से अपने आप को दूर रखिए।

मगर ये होगा कैसे?

आइए जानते हैं।

१. नकारात्मक सोच को रोकिए

नकारात्मक सोच को अपने दिमाग के आस पास कभी मत आने दीजिए। जब आप आपने दिमाग में नकारात्मक विचार को आने ही नहीं देंगे, तो जाहिर सी बात है की पॉजिटिव सोच के लिए जगह बनेगी।

लेकिन ये होगा कैसे?

सच, अच्छाई और उपयोगी: आज के युग में जहाँ हमारे पास इतने सारे मध्यम हैं जहाँ से हरेक तरह की इनफार्मेशन हमारे दिमाग को मिलती है। ऐसा कोई सोच अपने दिमाग में मत आने दीजिये जो

  • सच नहीं है
  • जिसमें कोई अच्छाई नहीं
  • या फिर जो उपयोगी नहीं है

जब ये फ़िल्टर आप लगा देंगे, तो आप के दिमाग में कोई भी नकारात्मक बात नहीं आएगी।

२. सकारात्मक काम करिए

आपने नकारात्मक सोच को तो रोक लिया, लेकिन ये ज्यादा देर नहीं रहेगी, अगर आप के कर्म नकारात्मक हो गए।

जैसा की आप जानते हैं, हम जिस तरह के काम करते हैं, हमारे दिमाग में उसी तरह के विचार और खयाल आते हैं। मतलब अगर आप अच्छे काम करेंगे तो आपके दिमाग में अच्छी बाते आएंगी, और अगर आप बुरे काम करेंगे, तो दिमाग में बुरे विचार ही आएँगे।

इसीलिए, हमेशा सकारात्मक काम करिए – ऐसे काम जिसमें सच्चाई, अच्छाई और जो उपयोगी हो।

जैसे की ईमानदारी से, किसी को नुकशान पहुंचाए बिना किया गया काम  –

  • अपने हॉबी को फॉलो कीजिए
  • दूसरों की मदद कीजिए
  • अच्छी किताबें पढ़िए
  • अपने दैनिक काम को ईमानदारी से करिए
  • किसी NGO संस्था के साथ ज़रिए
  • अपने और समाज के लिए कुछ अच्छा कीजिए

दोस्तों जब आपके काम पॉजिटिव हो जाएंगे, तो आपकी थॉट और आपका दिमाग अपने आप पॉजिटिव सोचने लगेगा।

How to develop positive thinking: conclusion

दोस्तों जिंदगी में पॉजिटिव रहने के लिए और अपनी सोच को पॉजिटिव बनाने का बेहतरीन तरीका यही है की आप हमेशा पॉजिटिव या सकारात्मक काम करें, इस से आपके विचार अपने आप सकारात्मक हो जाएंगे। और साथ में किसी भी नेगेटिव सोच को अपने दिमाग में आने ही मत दीजिये।

अगर आप अपना सोच और अपने नजरिए को पॉजिटिव और सकारात्मक बनाना चाहते हैं तो बस आपको इन दो बातों का ध्यान रखना हैं। और जब इन दो बातों का ध्यान रखेंगे, तो आपकी सोच और आपकी जिंदगी, दोनों बदल जाएगी।

दस्तों आप को ये लेख कैसा लगा और positive thinking और positive mindset develop करने के जो उपाय हमने आपके साथ साझा किए हैं, उनके बारे में आपकी क्या राय है, ये हमें जरूर बताइये।

वैसे आप अपनी सोच सकारात्मक बनाने के लिए और हमेशा सकारात्मक सोचने के लिए क्या करते हैं ?

अंत में, अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो प्लीज लिखे और शेयर कीजिए, और positive thinking को लेकर अगर आपके कोई सवाल हैं, तो आप कमेंट में पूछिए।
शुभकामनाएं!