कबीर दास जी के दोहे Kabir Ke Dohe With Meaning in Hindi

कबीर दास जी के दोहे Kabir Ke Dohe With Meaning in Hindi

संत कबीर दास जी का जन्म लहरतारा (बनारस) में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था।  पेशे से कबीर दास जी जुलाहे का काम करते थे। कशी घाट के श्री रामानंद जी, संत कबीर दस जी के गुरु थे ।  संत कबीर ने धर्म के झूठे आडंबरों का भरपूर विरोध किया, फिर चाहे वो हिंदू धर्म हो या मुसलमान धर्म। कबीर दास जी एक धर्मनिरपेक्ष और इसलिए उनके शिष्य और अनुयायी कबीर पंथी कहलाए। हालांकि वह बहुत ज्यादा पढ़े लिखे तो नहीं थे, लेकिन इसके बावजूद भी वे अपने युग के एक बड़े समाज सुधारक माने जाते हैं। संत कबीर दस जी ने हज़ारों दोहे और रचनाएं लिखी जो कबीर वाणी के रूप में प्रसिद्ध हुई। 

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